अपनों की यादें
यादें अपनों की।
यादें ही यादें रह गई।
उनकी इन आँखों में।
सपना सा सजा रहता ।
उनके साथ बिताई बातों में।
रहेगा आशीर्वाद हमेशा ।
उनका हमारे साथ।
क्या हुआ जो दूर हुए।
रहेगा आभास हमारे पास।
किसी की हसीं मे नजर आएंगे।
किसी की बातों मे झलकेगे।
किसी के चेहरे पर वह ।
अपना निशा छोड़ गये है।
मिल कर जब याद करेंगे।
हमारे सामने होगें।
बस एक बार दिल से पुकार लेना।
तुम्हारी हर मुश्किल मे साथ खडे़ होगें।
नीलम गुप्ता( नजरिया)
दिल्ली
Zulfikar ali
29-Jul-2021 06:12 PM
बहुत खूब 👍
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Ravi Goyal
29-Jul-2021 05:33 PM
Bahut khoob 👌👌
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